Sunday, July 11, 2010

आखिरी राह

जो आज मेरा है,
कल किसी और का होगा,
इस बाज़ार में कुछ,
 बे वज़ह नहीं होता  |
जुड़ें है लोग यहाँ ,
अपने किसी मकसद से,
बिना मतलब के कोई, 
साथ अब  नहीं देता |
वों वक्त और था,
जब खून बहा देतें थे,
अब बिना स्वार्थ
कोई हाँथ भी नहीं देता |
हर कोई बाटना चाहेगा,
ख़ुशी तेरे संग,
तेरा गम बांटने को, 
कोई भी नहीं होगा |
जब तक जिंदा हो,
ये बोझ उठा कर चल लो,
आखिरी राह में कोई
हम सफ़र नहीं मिलता |
यहाँ आनंद सबको,
फिक्र है बस अपनों कि
बे वजह बात,
ज़माने कि वों नहीं करता |

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