Tuesday, September 3, 2013

चमकना चाहता हूँ

मैं पत्थर हु जो हीरे सा चमकना चाहता है,
मै लोहा हूँ जो सोने सा दमकना चाहता है । 
मुझे मालूम है, मेरा मुक्कदर भी लिखा है पर,
मैं परवाना हु जो दिपक से लड़ना चाहता हूँ । 

By : तपश्वनी कुमार आनन्द