Friday, March 3, 2017

एक पिता है वो

जो भूल कर, खुलकर कभी भी नहीं हँसता,
वो डरता है, बच्चे भटक जाएँ नहीं  रस्ता ।
जो माँ से मिलकर, प्यार अपना भी लूटाता,
वो बाप है, ख़ुद को लुटा के घर बनाता है ।

दुख का हर तूफ़ान, ख़ुद पर झेलता है जो,
मुश्किलों के साथ, हरदम खेलता है वो ।
दर्द सब सहकर, हमेशा मुस्कुरा ले जो ।
कुछ ना पूछो, जान लो कि एक पिता है वो !