TAPASHWANI
बे रस होती आधुनिक काव्य और तकनीक
Wednesday, October 8, 2008
नीरज: चाँद की बातें करो
नीरज: चाँद की बातें करो
हाथ रख लो दी पर, कोई रास्ता बन जाएगा |
तुम चलोगे साथ तेरे कारवाँ बन जाएगा |
1 comment:
नीरज गोस्वामी
October 8, 2008 at 4:21 PM
बहुत अच्छा लिख रहे हो...आगे बढो और भी तो लिखो भाई...
नीरज
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बहुत अच्छा लिख रहे हो...आगे बढो और भी तो लिखो भाई...
ReplyDeleteनीरज