Dedicated to Pitaji, :)
I tried several times to tell him that I love him very much and I can not imagine myself without his warm support and guidance.
I don't know why, but failed to express my love and care each time, so writing below lines for my role model my hero 'PITAJI'.
I love you PITAJI.
न्यौछावर ममता निर्झर, तो उधर भाव सब काबू भी । ।
माँ दरिया सी सरल, हिमालय जैसे दिखते बाबूजी ………
अम्मा कि थपकी सुकून, थप्पड़ सुबूत है बाबूजी,
जब माँ के मीठे बोल ढील दें, दें ठुमकी साधें बाबूजी । ।
माँ दरिया सी सरल, हिमालय जैसे दिखते बाबूजी ………
माँ कुम्हार के नरम हाँथ, और जलती भट्टी बाबूजी,
माँ मुझको देतीं हैं आकार , पर यार पकाते बाबूजी । ।
माँ दरिया सी सरल, हिमालय जैसे दिखते बाबूजी ………
माँ हिंदी कि सरल विधा, संस्कृत से क्लिष्ट हैं बाबूजी,
माँ सुरताल भरी कविता, और वयंग बांड से बाबूजी ॥
माँ दरिया सी सरल, हिमालय जैसे दिखते बाबूजी ………
माँ के सारे भाव प्रकट, पर हर भाव छुपाते बाबूजी,
माँ धरती की नरम घाँस , और घने वृक्ष हैं बाबूजी ॥
माँ दरिया सी सरल, हिमालय जैसे दिखते बाबूजी ………
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