Tuesday, September 23, 2014

जुड़ जाने का दिल करता है...

अच्छा लगता है, जब अपने,
उमड़ घुमड़ आ जातें है । 
छोटे सपने, बड़ी उम्मीदे,
बिन चाहे, घिर जातें है । 

उठा-पटक, धींगा-मस्ती,
हम जिन संग किये न थकते थे । 
बड़ा अटपटा लगता है,
जब वो ही सीधे हो जातें है । 

तोड़ के सारे बंधन,
फिर जुड़ जाने का दिल करता है । 
छोटी जिद्द और बड़ी शरारत,
दिल दोहराने को करता है । 

हर मोड़ पर दिल का खोना,
रोते रोते, दिन भर सोना । 
वो ख्वाबों में खो जाना,
और फिर ढूढ़ें नया बहाना । 

वो पैदल पैदल, कर करतल,
कुछ गलियों में गुम हो जाना । 
और शाम होते ही बरबस, 
अच्छा बच्चा बन घर आ जाना । 

अच्छा लगता है, जब अपने,
उमड़ घुमड़ आ जातें है । 
छोटे सपने,,………। 

Dedicated to all R.K I.C friends....


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