सुरूर तुझको है, तू रख उसे करीने से,
थोड़ा गुरुर मुझमे है, उसे भी रहने दे ।
मैं जैसा हूँ, मुझे वैसा ही रहने दे आनन्द,
मौत के बाद तो, हम सबको खाक होना है ।
तुझे गर फ़िक्र है दुनियां कि, ये भी बेहतर है,
मुझे फिर खुद में ही, थोड़ा सुमार रहने दे ।
तुझे कुछ इल्म है, दुनियां की हक़ीक़त अगर,
मुझे जाहिल, थोड़ा अनपढ़, गँवार रहने दे ।
मोहोब्बत का फरिश्ता तू, मिटा नफरत,
मुझे तू प्यार का दुश्मन समझ, और बहने दे ।
तुझे गर फ़िक्र है दुनियां कि, ये भी बेहतर है,
मुझे फिर खुद में ही, थोड़ा सुमार रहने दे ।
तुझे कुछ इल्म है, दुनियां की हक़ीक़त अगर,
मुझे जाहिल, थोड़ा अनपढ़, गँवार रहने दे ।
मोहोब्बत का फरिश्ता तू, मिटा नफरत,
मुझे तू प्यार का दुश्मन समझ, और बहने दे ।
सुरूर तुझको है, तू रख उसे करीने से,
थोड़ा गुरुर मुझमे है, उसे भी रहने दे ।
No comments:
Post a Comment