Tuesday, September 30, 2008

भारत मय करना होगा



हो हर लभ पर अपना नाम ,
अब कुछ ऐसा करना होगा |
अगर चाहिए नाम जहाँ मे,
कुछ हट कर करना होगा |

ख्वाब अगर उँचा है फिर तो,
कदम बढ़ा चलना होगा |
और विश्व के मानचित्र को ,
भारत मय करना होगा |

सत्य अहिंसा के प्रतीक को,
अब संशोधित करना होगा |
गर आँख उठे हम पर कोई,
उसे भाव शुन्य करना होगा |

ईंट जो फेके अब हम पर,
फिर उसको भी बचना होगा |
लोहे से टकराने का फिर,
अब हरजाना भरना होगा |

गाँधीगिरी चलाने से पहले,
हमको सुभाष बनना होगा |
सत्याग्रह को त्याग यहाँ,
अब क्रांतिकारी बनना होगा |

हांत के पाँचो उंगली को,
सहयोग यहाँ देना होगा |
और पूराने मानचित्र मे,
रंग नया भरना होगा |

घर के अंदर के शत्रु को,
अपना सर देना होगा |
यार दो मुहे साफॉ का फन,
हमे कुचल देना होगा |

हम छमा करे इससे पहले,
कुछ दंड यहाँ देना होगा |
हो मान धरा पर कुछ अपना,
हमको विषधर बनना होगा |

ख्वाब अगर उँचा है फिर तो,
कदम बढ़ा चलना होगा |
और विश्व के मानचित्र को ,
भारत मय करना होगा |

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