लंबा है पथ, खुली सड़्क है,
अपनो का अंबार सज़ा है |
जब तक कुछ दे सकते हो,
बस तब तक संसार खड़ा है |
जब चाहोगे प्यार मिलेगा,
खुशियो का संसार मिलेगा |
जब तक मुठ्ठी बँधी हुई है ,
बस तब तक सम्मान मिलेगा |
इस भीड़- भाड़ की दुनियाँ मे,
अब तुझको भी स्थान मिलेगा |
भरा हुआ है गला जभि तक,
बस तब तक ही दान मिलेगा |
हर शुख सुविधा द्वार खड़ी है,
अब तुझको गले लगाने को |
है जब तक गिरवी रखने को,
बस तब तक उपहार मिलेगा |
पूजा भी फलदायक होगी,
"आनंद" भी वरदान मिलेगा |
जब तक त्याग करोगे तुम,
बस तब तक परिवार मिलेगा |
कुछ देने का प्रण कर लो,
तो तुझको भी संसार मिलेगा |
साथ रहे जो हर शुख दुख मे,
अब ढूँढे से वो यार मिलेगा |
लंबा है पथ, खुली सड़्क है,
अपनो का अंबार सज़ा है |
जब तक कुछ दे सकते हो,
बस तब तक संसार खड़ा है |
जब चाहोगे प्यार मिलेगा,
ReplyDeleteखुशियो का संसार मिलेगा |
जब तक मुठ्ठी बँधी हुई है ,
बस तब तक सम्मान मिलेगा |
इस भीड़- भाड़ की दुनियाँ मे,
अब तुझको भी स्थान मिलेगा |
भरा हुआ है गला जभि तक,
बस तब तक ही दान मिलेगा |
बहुत अच्छा लिखा है।
achchee rachna hai..likhtey raheeye
ReplyDeleteIts a Miracles u did with ur pen...Keep it up dude
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