है रूतबा और गुण भी है,
सच बोल सके ये दम भी है |
बस 20 मिनट,हफ्ते मे 4 दिन,
शायद समय थोड़ा कम है |
इस बड़े भारत देश मे,
हर मोड़ बदलता ज़ायक़ा |
कौन है जो कम समय मे,
फैला सके इतना रायता ?
परिवर्तन की आँधी है ये,
लुक्का छुप्पि बहुत हुआ |
आने वाला कल बेहतर हो,
हो जब संग अपने विनोद दूआ|
आनंद है यहाँ उनका फ़ैन,
जो बात कहे बिन रोक टोक |
आवाज़ उठा और कदम बढ़ा,
अब देर न कर चल दिल्ली चल |
अजी हमारे भी प्यारे है।
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