Tuesday, May 12, 2009

समस्या ही समस्या है

समस्या ही समस्या है,
कहो कैसे गिनाए हम |
यूँ ही काग़ज़ पर लिख दे,
या मौखिक ही सुनाए हम |
जो भी आता है बस,
वादों की गठरी बाँध जाता है|
बहुत कुछ है भरा इसमे,
कहो कैसे उठाए हम |
हमारे गाँव मे भी है ,
गड़े बिजली के कुछ खंबे |
इनायत हो अगर उनकी ,
तो कुछ रोशन भी हो जाए|
नही अंतर समझ आता,
तालाबों और सड़कों मे |
कहो किस रास्ते इस गाँव के,
दर्शन कराएँ हम |
है बसता गाँव मे भारत,
यहाँ के लोग कहते है |
कभी फ़ुर्सत मे आना तो,
तुम्हे भारत घूमए हम |

2 comments:

  1. अगली बार आयेंगे तो घूमाना!!

    रचना यथार्थ कह रही है.

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  2. samsya hi samasya hai..

    SAMSYAO KI KAMI NAHI HAI.........

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