TAPASHWANI
बे रस होती आधुनिक काव्य और तकनीक
Thursday, June 6, 2013
दिल जो छोटा सा है|
ये दिल जो छोटा सा है,
वो इतना फुदकता क्यूँ है ।
खुरदरे राह पर हर वक़्त,
जाने ये फिसलता क्यूँ है ।
षड़यंत्र चौबीसों घंटे,
प्रपंच हर एक पहर ।
जिससे नुकसान हो,
वोही काम ये करता क्यूँ है ।
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