दिल के हर अहसास को,
हम काश कह पाते |
उमड़े हुए हर भाव को,
कागज पर लिख पाते ||
बहुत कुछ दिल मे है मेरे,
जो ऐसे कह नही सकता |
बड़ी मुस्किल है बिन बोले भी,
मैं अब रह नही सकता ||
मगर कुछ बंदीसे ऐसी है,
जो मुझे भी रोकती है |
अगर अपनी पर आजाए,
तो सरहद चीज़ क्या है ||
nice post sr
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर लाईनें हैं.
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर और खुबसूरत रचना है
आपकी. नव वर्ष की शुभकामनायें.
नया साल आपको शुभ हो, मंगलमय हो.
bahut sunder rachnaa hai badhaai
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